हर बार नेगेटिव आ रहा था कोरोना टेस्ट, लेकिन वायरस से फेफड़ों की हो गयी दुर्दशा

हर बार नेगेटिव आ रहा था कोरोना टेस्ट, लेकिन वायरस से फेफड़ों की हो गयी दुर्दशा

सेहतराग टीम

जरूरी नहीं है कि कोरोना संक्रमण (Coronavirus Infection) होने पर रोगी को बुखार आएगा ही.. या उसे खांसी की समस्या होगी ही... स्थितियां परेशान करनेवाली हैं और हैरानी में डालनेवाली भी। लेकिन यह रोग पूरी तरह नया है और हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जब तक कोई नई बीमारी अपना एक साइकिल पूरा नहीं कर लेती, उसके बारे में पुख्ता रूप से कुछ भी कहना संभव नहीं हो पाता है। यही वजह है कि कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिक भी इस वायरस के संक्रमण का एक साल पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि सर्दियों में शुरू हुए इस वायरस के बारे में पता चल सके कि अपने दूसरे टर्म में यह कैसे रिऐक्ट करेगा...

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हर महीने नई जानकारी बढ़ा रही चिंता

कोरोना संक्रमण के बारे में आ रही जानकारियां लगातार चिंता बढ़ा रही हैं। क्योंकि इस वायरस के लक्षणों में बहुत अधिक भिन्नता होने के साथ ही इसके आफ्टर इफेक्ट्स भी किसी जानलेवा बीमारी से कम नहीं हैं।

इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों में सामने आए संक्रमण के मामलों में यह बात साफ हो चुकी है कि जरूरी नहीं है कि कोरोना संक्रमण के बाद रोगी को सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी समस्याएं हों। मात्र थकान और बेचैनी भी इस बीमारी के अंदर-अंदर पनपने का लक्षण हो सकती है।

फेफड़ों के लिए बन रहा है काल

कोरोना संक्रमण दोनों ही स्थितियों में फेफड़ों की सेहत के लिए काल बन रहा है। फिर चाहे रोगी के शरीर में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें या नहीं दिखाई दें।

लेकिन लक्षण दिखाई देने की स्थिति में यह बात हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए और रोगी के लिए साफ हो जाती है कि उन्हें अपने लंग्स का ध्यान रखना है। जबकि सिर्फ थकान, कमजोरी और बेचैनी जैसी स्थितियों में जब तक डॉक्टर्स के लिए यह बात साफ हुई कि यह कोरोना संक्रमण है, तब तक फेफड़ों की हालत पूरी तरह बिगड़ चुकी थी।

अलग-अलग जगह से आ रहे केस

दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, जयपुर और इसके साथ ही दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना संक्रमण के बाद से लंग्स इंफेक्शन रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यह वृद्धि उस स्थिति में अधिक परेशान करनेवाली है, जब रोगियों की कोरोना जांच लगातार नेगेटिव आ रही हो लेकिन वायरस अंदर ही अंदर उनके फेफड़ों को खत्म कर रहा हो।

सिर्फ खांसी-बुखार तक सीमित नहीं लक्षण

आपको बता दें कि अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और आपकी कोरोना जांच नेगेटिव आई हो तब आपको सीटी स्कैन करना चाहिए। क्योंकि यही एक मात्र विकल्प बचता है, जो आपके फेफड़ों की हालत के आधार पर बता सकता है कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं।

कई गुना बढ़े ऐसे मामले

दिल्ली-एनसीआर और जयपुर में पिछले महीनों में ऐसे कई केस सामने आए हैं, जिनमें रोगी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी लेकिन उसके शरीर में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। इसके बाद भी जब उनका कोरोना टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई लेकिन सांस लेने में समस्या बनी रही।

सीटी स्कैन में साफ हुए कोरोना के लक्षण

इसके बाद जब फेफड़ों की समस्या को समझने के लिए सीटी स्कैन कराया गया तो फेफड़ों की हालत बिल्कुल वैसी देखने को मिली जैसी कोरोना संक्रमण से ग्रसित किसी गंभीर रोगी के फेफड़ों की होती है। इसलिए अपनी सांसों का ध्यान रखने के लिए आपका जागरूक रहना जरूरी है।

(साभार- नवभारत)

 

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